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keywords: SANGEET PRCHAR || SANGEET विश्वविद्यालय ||

member since: Oct 6, 2021 | Viewed: 466

sangeet waalon ki duniyan

Category: Arts

मुख्यपृष्ठSANGEET PRCHAR || SANGEET विश्वविद्यालय || SANGEET PRCHAR || SANGEET विश्वविद्यालय || Sangeet Waale अक्तूबर 06, 2021 संगीत प्रचार - प्रसार में संलग्न विश्वविद्यालय , अकादमी एवं संस्थान स्वाधीनता के उपरांत सांस्कृतिक विरासत के प्रति एक प्रकार की जागरूकता उत्पन्न हुई और जनसाधारण में सांस्कृतिक उत्तरदायित्व अनुभव किया की विद्यालय स्तर पर भारतीय कला और सांस्कृतिक के विकास के लिये प्रभावी प्रयास किए जाएँ और इसी प्रयास का प्रतिफल है कि आज संगीत प्रचार - प्रसार में सलग्न अनेक विश्वविद्यालय , अकादमी एवं सम्बन्धित सस्थान भारत में संचालित हैं। इन अकादमी एवं संस्थानों में संगीत संबंधित शिक्षण एवं प्रशिक्षण दिए जाते हैं तथा साथ ही शोध संबंधित कार्य भी किये जाते हैं संगीत वह माध्यम है , जिसके दूर मनुष्य आत्मानुभूति की प्राप्ति करता है। यह केवल मनोरंजन का साधन मात्र नहीं है , बल्कि व्यक्तित्व के निर्माण में भी संगीत की अहम भूमिका निभाती है। संगीत की प्रसंगिकता को समझते हुए भारत में उच्चस्तरीय विश्वविद्यालय अकादमी एवं संस्थाएँ स्थापित की गई ,जिनका विवरण इस प्रकार है। गंदर्व महाविद्यालय सामाजिक एवं आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हुए तथा अपने साथियों एवं सहयोगियों के प्रयास से पं विष्णुदिगम्बर जी ने लाहौर में 5 मई , 1901 को गंधर्व महाविद्यालय की स्थापना की। भारतीय संगीत के पुरुत्थान में गन्धर्व महाविद्यालय की स्थापना एक बड़ी महत्वपूर्ण घटना थी धीरे - धीरे संगीत प्रचार कके साथ यह विद्यालय संगीत के शिक्षा का मुख्य केंद्र हो गया। समाज में सभी वर्गो में बड़े पैमाने पर संगीत के प्रचार का पूरा श्रेय इसी संस्थान को दिया जाना चाहिए। विद्यालय की सफलता से आश्वस्त होकर पं विष्णुदिगम्बर ने इस विद्यालय की अनेक शाखा खोलने का प्रयास किया , जिसमे इन्होने ;लाहौर की शिक्षण संस्था की एक शाखा के रूप में बंबई में वर्ष 1908 में गांधर्व महाविद्याल की स्थापना की। पं पलुस्कर के प्रयासों का परिणाम है कि आज भी मंडल निरंतर उन्नति कर रहा है।



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