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keywords: ग्राम || sangeet mein kitne gram hote hain || संगीत में ग्राम के कितने प्रकार हैं || CLASSICAL MUSIC ||
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sangeet waalon ki duniyan
Category: Education
हमारा प्राचीन संगीत ग्राम शब्द से संबध्द रहा है। भरत ने केवल दो ग्रामो - षडज ग्राम और मध्यम ग्राम का वर्णन किया है और गांधार ग्राम को स्वर्ग ,में बताया है। मतंग ने भी तीसरे ग्राम का नाम तो लिया, किन्तु उसे स्वर्ग में बताया। उसके बाद के सरे लेखकों ने तीसरे की खोज की चेष्टा नहीं की और तीन ग्रामों का उल्लेख करते हुये गंधार ग्राम के लोप होने की बात ज्यों की त्यों मान लिया है। संगीत रत्नाकर ,संगीत मकरंद तथा अन्य कुछ ग्रंथों में गंधार ग्राम का थोड़ा - बहुत उल्लेख मिलता है कुछ विद्वानों का विचार है कि गंधार ग्राम वास्तव में निषाद ग्राम था ,जो निषाद से प्रारम्भ होता था। गंधार ग्राम के लोप होने का कारण नहीं बताया। केवल इतना ही कहा कि गान्धर्वों के साथ यह भी स्वर्ग में चला गया। अतः केवल दो ग्राम ही बचते हैं - षडज ग्राम और माध्यम ग्राम।
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